The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
Blog Article
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
किया more info तपहिं more info भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर more info में पूजा किया